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वाच्य किसे कहते हैं? भेद और उदाहरण | कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य

वाच्य किसे कहते हैं? भेद और उदाहरण | कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य

वाच्य किसे कहते हैं? भेद और उदाहरण | कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य

वाच्य किसे कहते हैं? भेद और उदाहरण | कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाववाच्य

🔹 CHAPTER INTRODUCTION (शून्य स्तर से)

सोचिए, जब आप कोई बात कहते हैं, तो उस बात में **सबसे ज़रूरी (Important) क्या है**? कर्ता (काम करने वाला), कर्म (जिस पर काम हुआ), या खुद काम (क्रिया)?

**वाच्य** हमें यही बताता है कि वाक्य में क्रिया (Verb) का मुख्य विषय **कर्ता (Subject), कर्म (Object), या भाव (Emotion/State)** में से क्या है।

सबसे आसान भाषा में: वाच्य क्रिया का वह रूप है जिससे पता चलता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म, या भाव में से किसकी प्रधानता (Importance) है।

🔹 BASIC CONCEPTS (वाच्य के भेद)

वाच्य के तीन भेद (Types of Voice):

  1. कर्तृवाच्य (Active Voice): जब वाक्य में **कर्ता** प्रधान होता है। क्रिया के लिंग (Gender) और वचन (Number) कर्ता के अनुसार बदलते हैं।
    • पहचान: कर्ता के साथ **'ने'** विभक्ति हो सकती है, या कोई विभक्ति नहीं होती।
  2. कर्मवाच्य (Passive Voice): जब वाक्य में **कर्म** प्रधान होता है। क्रिया के लिंग और वचन कर्म के अनुसार बदलते हैं।
    • पहचान: कर्ता के साथ **'के द्वारा'** या **'से'** लगा होता है। इसमें केवल सकर्मक क्रिया (Transitive Verb) का प्रयोग होता है।
  3. भाववाच्य (Impersonal Voice): जब वाक्य में **भाव या क्रिया** प्रधान होती है। यह हमेशा अकर्मक क्रिया (Intransitive Verb) के साथ होता है और क्रिया हमेशा **पुल्लिंग (Masculine) और एकवचन (Singular)** होती है।
    • पहचान: कर्ता के बाद **'से'** लगा होता है और क्रिया का प्रयोग प्रायः असमर्थता (Inability) या निषेध (Negation) बताने के लिए होता है (जैसे: "मुझसे चला नहीं जाता")।

🔹 IMPORTANT DEFINITIONS (महत्वपूर्ण परिभाषाएँ)

  1. **वाच्य (Vachya):** क्रिया के जिस रूप से यह पता चले कि वाक्य में क्रिया का मुख्य संबंध कर्ता, कर्म या भाव से है, उसे वाच्य कहते हैं।
  2. **कर्तृवाच्य (Kartri Vachya):** जब वाक्य में क्रिया का सीधा संबंध कर्ता से होता है और क्रिया, कर्ता के लिंग-वचन के अनुसार बदलती है।

    उदाहरण: लड़की किताब पढ़ती है। (क्रिया 'पढ़ती है' कर्ता 'लड़की' के अनुसार है)

  3. **कर्मवाच्य (Karma Vachya):** जब वाक्य में क्रिया का संबंध कर्म से होता है और क्रिया, कर्म के लिंग-वचन के अनुसार बदलती है।

    उदाहरण: अध्यापक के द्वारा किताब पढ़ाई जाती है। (क्रिया 'पढ़ाई जाती है' कर्म 'किताब' के अनुसार है)

  4. **भाववाच्य (Bhava Vachya):** जब वाक्य में न कर्ता की और न कर्म की प्रधानता होती है, बल्कि क्रिया के भाव की प्रधानता होती है। इसमें क्रिया हमेशा अकर्मक, पुल्लिंग और एकवचन होती है।

    उदाहरण: मुझसे चला नहीं जाता। (क्रिया 'चला नहीं जाता' भाव बता रही है)

🔹 DAILY LIFE EXAMPLES (दैनिक जीवन के उदाहरण)

वाच्य का भेद उदाहरण (दैनिक जीवन से) स्पष्टीकरण
कर्तृवाच्य माँ खाना बना रही है। इसमें कर्ता ('माँ') प्रधान है और क्रिया ('रही है') उसी के अनुसार है।
कर्मवाच्य पिताजी के द्वारा अखबार पढ़ा गया। इसमें कर्म ('अखबार') प्रधान है। काम करने वाले (पिताजी) पर ज़ोर कम है।
भाववाच्य बीमार के कारण मुझसे उठा नहीं जाता। इसमें कर्ता की असमर्थता का भाव प्रधान है।

🔹 COMMON MISTAKES (सामान्य गलतियाँ)

  • **सिर्फ 'से' देखकर कर्मवाच्य मानना:** यदि 'से' के साथ **सकर्मक क्रिया** हो और क्रिया कर्म के अनुसार बदले, तो **कर्मवाच्य**। यदि 'से' के साथ **अकर्मक क्रिया** हो, तो **भाववाच्य**।
  • **कर्मवाच्य का प्रयोग अकर्मक क्रिया के साथ करना:** कर्मवाच्य हमेशा सकर्मक क्रिया (जिसमें कर्म हो) के साथ ही बनता है।

🔹 EXAM IMPORTANT POINTS (परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिन्दु)

वाच्य का भेद मुख्य नियम (परीक्षा हेतु) वाच्य परिवर्तन (Transformation)
**कर्तृवाच्य** क्रिया का लिंग-वचन **कर्ता** के अनुसार। (सकर्मक/अकर्मक दोनों हो सकता है) कर्ता + **के द्वारा/से** + कर्म + क्रिया का रूप।
**कर्मवाच्य** क्रिया का लिंग-वचन **कर्म** के अनुसार। हमेशा **सकर्मक** क्रिया। कर्ता हटाकर/के बाद **से** + अकर्मक क्रिया + **जाना** क्रिया का रूप।
**भाववाच्य** क्रिया हमेशा **पुल्लिंग, एकवचन** और **अकर्मक**। प्रायः असमर्थता का भाव। कर्मवाच्य और भाववाच्य में आपस में परिवर्तन नहीं होता।

🔹 PRACTICE QUESTIONS (अभ्यास प्रश्न)

A. Easy level (वाच्य पहचानें)

  1. अध्यापक ने पाठ पढ़ाया।
  2. मोहन से दौड़ा नहीं जाता।
  3. पत्र लिखा गया।

B. Medium level (वाच्य परिवर्तन)

  1. सुरेश चित्र बनाता है। (कर्मवाच्य में बदलिए)
  2. पिताजी अखबार पढ़ते हैं। (कर्मवाच्य में बदलिए)
  3. हम इतनी धूप में नहीं ठहर सकते। (भाववाच्य में बदलिए)

C. Hard level (नियम आधारित प्रश्न)

  1. "बच्चा रोता है।" – इस वाक्य का वाच्य और क्रिया का भेद स्पष्ट करें।
  2. कर्मवाच्य में क्रिया सदैव किसके अनुसार बदलती है?
  3. क्या भाववाच्य में क्रिया सकर्मक हो सकती है? कारण सहित उत्तर दें।

🔹 ANSWERS WITH EXPLANATION (उत्तर व्याख्या सहित)

A. Easy level (उत्तर)

  1. **कर्तृवाच्य**। (क्रिया 'पढ़ाया' कर्ता 'अध्यापक' के अनुसार है, और 'ने' लगा है)
  2. **भाववाच्य**। (क्रिया 'दौड़ा नहीं जाता' अकर्मक है और असमर्थता का भाव है)
  3. **कर्मवाच्य**। (क्रिया 'लिखा गया' कर्म 'पत्र' के अनुसार है। कर्ता अनुपस्थित है)

B. Medium level (उत्तर)

  1. सुरेश **के द्वारा** चित्र **बनाया जाता है**।
  2. पिताजी **के द्वारा** अखबार **पढ़ा जाता है**।
  3. हमसे इतनी धूप में **ठहरा नहीं जाता**।

C. Hard level (उत्तर)

  1. **वाच्य:** कर्तृवाच्य। **क्रिया भेद:** अकर्मक क्रिया।
  2. कर्मवाच्य में क्रिया सदैव **कर्म** के लिंग और वचन के अनुसार बदलती है।
  3. **नहीं**, भाववाच्य में क्रिया सकर्मक **नहीं** हो सकती। भाववाच्य में केवल अकर्मक क्रिया का प्रयोग होता है, क्योंकि इसमें क्रिया के भाव की प्रधानता होती है, कर्म की नहीं।