प्रागैतिहासिक काल: पाषाण युग का इतिहास, वर्गीकरण, स्थल और महत्वपूर्ण तथ्य (Complete Notes for UPSC/SSC/Railway)
प्रागैतिहासिक काल: पाषाण युग का इतिहास, वर्गीकरण, स्थल और महत्वपूर्ण तथ्य (Complete Notes for UPSC/SSC/Railway)
🗿 प्रागैतिहासिक काल: पाषाण युग का इतिहास, वर्गीकरण, स्थल और महत्वपूर्ण तथ्य (Complete Notes for UPSC/SSC/Railway)
परिचय (Introduction)
नमस्ते दोस्तों! क्या आपने कभी सोचा है कि जब लिखने का आविष्कार नहीं हुआ था, तब इंसान कैसे रहते थे? उनके पास न घर थे, न कपड़े और न ही आज की तरह कोई सुविधा!
इतिहास का वह सबसे शुरुआती समय, जिसके बारे में जानने के लिए हमारे पास कोई लिखित किताब या दस्तावेज नहीं है, उसे ही प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Age) कहते हैं। इसे समझने के लिए हम सिर्फ उस समय के औजारों, मिट्टी के बर्तनों और गुफाओं में बनी पेंटिंग्स पर निर्भर करते हैं।
यह काल मुख्य रूप से पत्थरों के उपयोग से जुड़ा है, इसलिए इसे पाषाण युग (Stone Age) भी कहा जाता है। आइए, इस सबसे पुराने युग की यात्रा करते हैं और जानते हैं कि हमारे पूर्वज कैसे रहते थे!
प्रागैतिहासिक काल का अर्थ और वर्गीकरण
प्रागैतिहासिक काल की परिभाषा
प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Age): इतिहास का वह समय, जिसके बारे में जानने के लिए कोई लिखित प्रमाण उपलब्ध नहीं है। मानव जीवन पूरी तरह से पत्थरों के औजारों पर निर्भर था।
इतिहास को अध्ययन की सुविधा के लिए तीन भागों में बाँटा गया है:
| काल का नाम | लिखित साक्ष्य | पुरातात्विक साक्ष्य | उदाहरण |
|---|---|---|---|
| 1. प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric) | नहीं | हाँ | पाषाण युग |
| 2. आद्य-ऐतिहासिक काल (Proto-Historic) | हाँ (लेकिन पढ़ा नहीं गया) | हाँ | सिन्धु घाटी सभ्यता |
| 3. ऐतिहासिक काल (Historic) | हाँ (और पढ़ा भी गया) | हाँ | छठी शताब्दी ई.पू. के बाद |
पाषाण युग (Stone Age) का वर्गीकरण
प्रागैतिहासिक काल का सबसे बड़ा हिस्सा पाषाण युग कहलाता है। पत्थरों के औजारों के स्वरूप और मानव जीवनशैली में बदलाव के आधार पर इसे तीन मुख्य भागों में बाँटा गया है:
| विभाजन | काल-अवधि (लगभग) | मुख्य विशेषताएँ |
|---|---|---|
| 1. पुरापाषाण काल (Paleolithic Age) | 25 लाख ई.पू. से 10,000 ई.पू. | शिकारी और खाद्य संग्राहक (Food Gatherer) |
| 2. मध्यपाषाण काल (Mesolithic Age) | 10,000 ई.पू. से 4,000 ई.पू. | आखेटक और पशुपालक का आरंभ |
| 3. नवपाषाण काल (Neolithic Age) | 4,000 ई.पू. से 2,500 ई.पू. | कृषि का आरंभ और स्थायी निवास |
1. पुरापाषाण काल (Paleolithic Age: The Old Stone Age)
जीवन शैली:
- मनुष्य का मुख्य काम शिकार करना (आखेटक) और भोजन इकट्ठा करना (खाद्य संग्राहक) था।
- वे एक जगह टिककर नहीं रहते थे, बल्कि भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर भटकते रहते थे (खानाबदोश जीवन)।
- ठंड से बचने और शिकारियों से सुरक्षित रहने के लिए गुफाओं में रहते थे।
- इस काल में आग की खोज हो चुकी थी, लेकिन उसका उपयोग बड़े पैमाने पर शुरू नहीं हुआ था।
औजार:
- औजार बड़े, बेडौल और भद्दे होते थे।
- ये क्वार्टजाइट (Quartzite) पत्थर से बनाए जाते थे।
- मुख्य औजार: हस्त-कुल्हाड़ी (Hand-Axe), विदारणी (Cleaver), खुरचनी (Scraper)।
महत्वपूर्ण स्थल:
सोहन घाटी (पाकिस्तान), बेलन घाटी (UP), भीमबेटका (MP - चित्रकारी के लिए प्रसिद्ध), आदमगढ़ (MP)।
2. मध्यपाषाण काल (Mesolithic Age: The Middle Stone Age)
जीवन शैली:
- इस काल में मनुष्य शिकारी और पशुपालक दोनों बन गए।
- पशुपालन का आरंभ इसी काल में हुआ। सबसे पहले जिस जानवर को पालतू बनाया गया, वह कुत्ता था।
- जलवायु गर्म और शुष्क होने लगी, जिससे घास के मैदान बढ़े।
औजार:
- इस काल के औजार बहुत छोटे होते थे, इन्हें माइक्रोलिथ (Microlith) या लघुपाषाण कहते हैं।
- इन्हें लकड़ी या हड्डी के हत्थे पर लगाकर इस्तेमाल किया जाता था (जैसे तीर-कमान)।
महत्वपूर्ण स्थल:
आदमगढ़ (MP) और बागोर (राजस्थान) – ये दोनों स्थल पशुपालन के सबसे प्राचीन साक्ष्य देते हैं। सराय नाहर राय और महदहा (UP) – मानव अस्थि-पंजर के प्रमाण।
3. नवपाषाण काल (Neolithic Age: The New Stone Age)
नवपाषाण क्रांति (Neolithic Revolution): नवपाषाण काल में कृषि, स्थायी निवास और पशुपालन के कारण मानव जीवन में आए बड़े और मूलभूत बदलावों को 'नवपाषाण क्रांति' कहा जाता है।
जीवन शैली:
- कृषि (खेती) का आरंभ हुआ, जिससे मानव जीवन में स्थिरता आई।
- कृषि के कारण मनुष्य ने स्थायी निवास (Settled Life) बनाना शुरू किया।
- पहिये का आविष्कार इसी काल की सबसे महत्वपूर्ण देन है।
- मिट्टी के बर्तन (मृदभांड) बनाना शुरू कर दिया।
औजार:
औजार पहले से अधिक सुडौल, पॉलिशदार और चिकने होते थे। मुख्य औजार: पत्थर की कुल्हाड़ी।
महत्वपूर्ण स्थल:
- मेहरगढ़ (पाकिस्तान): यहाँ से सबसे प्राचीन कृषि (*गेहूँ* और *जौ*) के प्रमाण मिले हैं।
- कोल्डिहवा (UP): यहाँ से चावल (धान) के सबसे पुराने साक्ष्य मिले हैं।
- बुर्जहोम (कश्मीर): यहाँ गड्ढों वाले घरों (गर्तवास) और मनुष्य के साथ कुत्ते को दफनाने के प्रमाण मिले हैं।
🏆 प्रतियोगी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य (Competitive Exam Corner)
One-Liner Facts
- आधुनिक मानव (*Homo Sapiens*) का उदय उच्च पुरापाषाण काल में हुआ।
- मनुष्य द्वारा प्रयोग किया गया पहला धातु था – ताँबा (Copper)।
- मनुष्य ने सबसे पहले जौ और गेहूँ उगाना शुरू किया।
- भारतीय पुरातत्व का जनक अलेक्जेंडर कनिंघम को कहा जाता है।
- सबसे प्राचीनतम स्थायी जीवन का प्रमाण मेहरगढ़ से मिला है।
तिथि, व्यक्ति और स्थल
| तिथि/वर्ष | व्यक्ति/स्थल | महत्व |
|---|---|---|
| 1863 ई. | रॉबर्ट ब्रूस फ़ुट | भारत में पहले पुरापाषाण उपकरण की खोज (पल्लवरम) |
| 8000 ई.पू. (लगभग) | मेहरगढ़ | सबसे प्राचीन कृषि (जौ और गेहूँ) का प्रमाण |
| भीमबेटका (MP) | उच्च पुरापाषाण काल | सबसे प्राचीन और बड़ी संख्या में शैल चित्र (Rock Paintings) |
📝 विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)
Multiple Choice Questions (MCQ)
- मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था: (SSC CGL)
a) गेहूँ b) चावल c) जौ d) बाजरा - भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य कहाँ से प्राप्त हुए हैं? (UPSC/UPPSC)
a) बुर्जहोम b) मेहरगढ़ c) कोल्डिहवा d) लोथल
Short Answer Questions
1. नवपाषाण क्रांति से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: नवपाषाण काल में खेती की शुरुआत, पहिये का आविष्कार और स्थायी निवास के कारण मानव जीवन में जो बड़े और मूलभूत परिवर्तन आए, उसे 'नवपाषाण क्रांति' कहते हैं।
🧠 अभ्यास प्रश्न (Practice MCQs)
- किस काल को 'माइक्रोलिथ' (लघुपाषाण) कहा जाता है?
- मानव ने आग का उपयोग किस काल में बड़े पैमाने पर शुरू किया?
- 'भीमबेटका' किसके लिए प्रसिद्ध है?
- पहिये का आविष्कार किस काल की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी?
- मनुष्य के साथ कुत्ते को दफनाने का प्रमाण किस नवपाषाण स्थल से मिला है?
- भारतीय पुरातत्व का जनक किसे कहा जाता है?
- चावल (धान) के सबसे प्राचीन साक्ष्य किस स्थल से मिले हैं?
उत्तर कुंजी (Answer Key)
1. मध्यपाषाण काल | 2. नवपाषाण काल | 3. शैल चित्र (Rock Paintings) | 4. नवपाषाण | 5. बुर्जहोम | 6. अलेक्जेंडर कनिंघम | 7. कोल्डिहवा
📋 प्रागैतिहासिक काल: सारांश और त्वरित दोहराव
- पुरापाषाण काल: शिकारी, खाद्य संग्राहक, बड़े औजार, आग की खोज।
- मध्यपाषाण काल: पशुपालन का आरंभ (कुत्ता), माइक्रोलिथ (छोटे औजार)।
- नवपाषाण काल: कृषि का आरंभ, स्थायी निवास, पहिये का आविष्कार, पॉलिशदार औजार।
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. प्रागैतिहासिक काल और आद्य-ऐतिहासिक काल में क्या अंतर है?
A. प्रागैतिहासिक काल में कोई लिखित साक्ष्य नहीं है, जबकि आद्य-ऐतिहासिक काल (जैसे सिन्धु घाटी) में लिखित साक्ष्य तो हैं, लेकिन उन्हें अभी तक पढ़ा नहीं जा सका है।
Q2. पाषाण युग को कितने भागों में बाँटा गया है?
A. पाषाण युग को मुख्यतः तीन भागों में बाँटा गया है: पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल और नवपाषाण काल।
Q3. भारत में कृषि के सबसे पुराने साक्ष्य किस जगह से मिले हैं?
A. नवीनतम शोधों के अनुसार, चावल (धान) के सबसे पुराने साक्ष्य उत्तर प्रदेश के लहुरादेव से मिले हैं, जबकि गेहूँ और जौ के साक्ष्य मेहरगढ़ (पाकिस्तान) से मिले हैं।