दलबदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) One-Liner | 10वीं अनुसूची, 52वाँ संशोधन
दलबदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) One-Liner | 10वीं अनुसूची, 52वाँ संशोधन
⚖️ दलबदल विरोधी कानून (Anti-Defection Law) – 100 महत्वपूर्ण One-Liner (Q&A)
📖 भारतीय संविधान: दलबदल विरोधी कानून – महत्वपूर्ण One-Liner प्रश्न–उत्तर
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून का प्रावधान भारतीय संविधान की किस अनुसूची में किया गया है?उत्तर: 10वीं अनुसूची।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची को किस संविधान संशोधन द्वारा जोड़ा गया था?उत्तर: 52वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1985।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में पारित किया गया था?उत्तर: राजीव गांधी।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून का मुख्य उद्देश्य क्या है?उत्तर: राजनीतिक अस्थिरता को रोकना और सदस्यों को दल बदलने से रोकना।
प्रश्न: किसी सदन के सदस्य को दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित करने की शक्ति किसके पास है?उत्तर: सदन के पीठासीन अधिकारी (लोकसभा में अध्यक्ष, राज्यसभा में सभापति)।
प्रश्न: यदि कोई निर्वाचित सदस्य स्वेच्छा से अपने राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ देता है, तो उसकी सदस्यता पर क्या प्रभाव पड़ता है?उत्तर: वह अयोग्य घोषित हो जाता है।
प्रश्न: यदि कोई सदस्य पार्टी के 'व्हिप' (Whip) के खिलाफ सदन में मतदान करता है या मतदान से दूर रहता है, तो क्या होता है?उत्तर: वह दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित हो जाता है।
प्रश्न: मनोनीत सदस्य (Nominated Member) दलबदल के आधार पर कब अयोग्य घोषित हो सकता है?उत्तर: सदन की सदस्यता लेने के 6 महीने बाद किसी राजनीतिक दल में शामिल होने पर।
प्रश्न: निर्दलीय सदस्य (Independent Member) कब दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित हो सकता है?उत्तर: किसी राजनीतिक दल में शामिल होने पर।
प्रश्न: पीठासीन अधिकारी दलबदल के मामलों में निर्णय लेते समय किस रूप में कार्य करते हैं?उत्तर: अर्ध-न्यायिक निकाय के रूप में।
प्रश्न: किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्णय दिया कि पीठासीन अधिकारी का दलबदल संबंधी निर्णय न्यायिक समीक्षा (Judicial Review) के अधीन है?उत्तर: किहोतो होलोहन बनाम ज़ाचिल्लू (Kihoto Hollohan v. Zachilhu) वाद, 1992।
प्रश्न: 52वें संशोधन में दल के 'विभाजन' (Split) के आधार पर अयोग्यता से छूट का प्रावधान था। इसे किस संशोधन द्वारा समाप्त कर दिया गया?उत्तर: 91वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2003।
प्रश्न: 91वाँ संविधान संशोधन अधिनियम, 2003 का मुख्य उद्देश्य क्या था?उत्तर: दलबदल को और अधिक प्रभावी ढंग से रोकना और मंत्रिपरिषद का आकार सीमित करना।
प्रश्न: किस स्थिति में दलबदल विरोधी कानून लागू नहीं होता है?उत्तर: जब किसी राजनीतिक दल का दूसरे दल में 'विलय' (Merger) हो जाए।
प्रश्न: विलय के लिए कितने सदस्यों की सहमति आवश्यक है?उत्तर: मूल दल के कम से कम $2/3$ सदस्यों की सहमति।
प्रश्न: दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित सदस्य को क्या परिणाम भुगतना पड़ता है?उत्तर: वह अपनी सीट खो देता है और किसी भी सार्वजनिक पद (मंत्री पद सहित) को धारण करने से वंचित हो जाता है।
प्रश्न: 91वें संशोधन द्वारा मंत्रिपरिषद (केंद्र और राज्य दोनों में) का आकार सदन की कुल सदस्य संख्या के अधिकतम कितने प्रतिशत तक सीमित कर दिया गया?उत्तर: 15%।
प्रश्न: दलबदल के मामलों पर पीठासीन अधिकारी द्वारा निर्णय लेने की समय सीमा संविधान में क्या निर्धारित की गई है?उत्तर: कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है (यह एक बड़ी आलोचना है)।
प्रश्न: यदि पीठासीन अधिकारी स्वयं दलबदल के आधार पर अयोग्य होने के आरोपों का सामना कर रहा हो, तो निर्णय कौन लेता है?उत्तर: सदन का कोई अन्य सदस्य।
प्रश्न: क्या संसद या राज्य विधानमंडल के पीठासीन अधिकारी को पहले दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित किया गया है?उत्तर: हाँ, कई राज्यों में ऐसे मामले सामने आए हैं।
प्रश्न: 'दलबदल विरोधी कानून' किस पर लागू होता है?उत्तर: संसद के दोनों सदनों और राज्य विधानमंडलों (विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्यों पर।
प्रश्न: पीठासीन अधिकारी के फैसले के खिलाफ कौन अपील दायर कर सकता है?उत्तर: कोई भी पीड़ित सदस्य या व्यक्ति।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची के अनुच्छेद 2(1)(a) के तहत अयोग्यता का आधार क्या है?उत्तर: स्वेच्छा से अपने राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ना।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची के अनुच्छेद 2(1)(b) के तहत अयोग्यता का आधार क्या है?उत्तर: पार्टी के निर्देशों (व्हिप) के विरुद्ध मतदान करना या मतदान से अनुपस्थित रहना।
प्रश्न: 91वें संशोधन ने दलबदल करने वाले सदस्यों को कितने समय के लिए मंत्री या किसी अन्य पारिश्रमिक पद को धारण करने से रोका?उत्तर: अपनी अयोग्यता की अवधि तक।
प्रश्न: किस संशोधन से पहले, एक-तिहाई सदस्यों का 'विभाजन' (Split) दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य नहीं माना जाता था?उत्तर: 91वाँ संशोधन (2003) से पहले।
प्रश्न: पीठासीन अधिकारी के दलबदल संबंधी निर्णय को न्यायालय में चुनौती किस स्तर पर दी जा सकती है?उत्तर: केवल तभी जब अंतिम निर्णय दिया जा चुका हो (हस्तक्षेप की अंतरिम चरण पर अनुमति नहीं है)।
प्रश्न: 'दल का विलय' होने पर पीठासीन अधिकारी को इसकी सूचना कौन देता है?उत्तर: संबंधित राजनीतिक दल के प्रमुख (या अध्यक्ष/महासचिव)।
प्रश्न: 'व्हिप' जारी करने की शक्ति किसके पास होती है?उत्तर: राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त व्हिप अधिकारी।
प्रश्न: क्या पीठासीन अधिकारी को दलबदल के मामले में निर्णय लेने से पहले किसी जाँच समिति का गठन करना आवश्यक है?उत्तर: नहीं, लेकिन यह अक्सर किया जाता है।
प्रश्न: यदि किसी सदस्य को दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, तो उसे अपनी सीट कैसे वापस मिल सकती है?उत्तर: केवल उपचुनाव (By-election) जीतकर।
प्रश्न: किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि पीठासीन अधिकारी का दलबदल संबंधी निर्णय न्यायिक समीक्षा के अधीन होगा?उत्तर: किहोतो होलोहन बनाम ज़ाचिल्लू वाद।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने वाले सदस्य को सदन से हटाने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?उत्तर: अयोग्यता (Disqualification)।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल का मामला क्या सदन की कार्यवाही का विशेषाधिकार (Privilege) है?उत्तर: नहीं, यह अर्ध-न्यायिक प्रकृति का है।
प्रश्न: क्या किसी राजनीतिक दल को दलबदल विरोधी कानून के तहत सामूहिक दल-बदल पर छूट मिलती है?उत्तर: हाँ, यदि वह विलय (Merger) हो।
प्रश्न: दलबदल कानून लागू होने से पहले भारत में 'आया राम गया राम' मुहावरा किससे संबंधित था?उत्तर: विधायकों के बार-बार दल बदलने की प्रवृत्ति से।
प्रश्न: दलबदल के लिए न्यूनतम कितने सदस्यों का दल होना चाहिए ताकि विलय को छूट मिले?उत्तर: मूल दल के कम से कम दो-तिहाई सदस्य।
प्रश्न: यदि कोई सदस्य दल से निष्कासित (Expelled) हो जाता है, तो उसकी सदस्यता पर दलबदल विरोधी कानून का क्या प्रभाव पड़ता है?उत्तर: वह स्वतंत्र रहता है, लेकिन उसे निष्कासन की तारीख से 6 माह के भीतर कोई पार्टी ज्वाइन नहीं करनी चाहिए।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून में 'राजनीतिक दल' की परिभाषा कहाँ दी गई है?उत्तर: 10वीं अनुसूची के पैरा 1 में।
प्रश्न: दलबदल कानून में 'मूल राजनीतिक दल' का क्या अर्थ है?उत्तर: जिस दल से सदस्य चुनाव लड़कर सदन में आया था।
प्रश्न: क्या निर्दलीय सदस्यों को दलबदल कानून के तहत किसी अन्य निर्दलीय सदस्य के साथ गठबंधन की अनुमति है?उत्तर: हाँ, जब तक वे किसी दल में शामिल न हों।
प्रश्न: पीठासीन अधिकारी दलबदल संबंधी निर्णय लेते समय किस सिद्धांत का पालन करते हैं?उत्तर: नैसर्गिक न्याय (Natural Justice) के सिद्धांतों का।
प्रश्न: यदि दलबदल के कारण किसी सदस्य को अयोग्य घोषित किया जाता है, तो उसकी सीट कितने दिनों के भीतर खाली घोषित की जाती है?उत्तर: तुरंत, पीठासीन अधिकारी के निर्णय के बाद।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची के किस प्रावधान को सर्वोच्च न्यायालय ने 'संवैधानिक रूप से वैध' ठहराया था?उत्तर: विलय (Merger) को छूट देने वाले प्रावधान को।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून का एक बड़ा नकारात्मक प्रभाव क्या है?उत्तर: सदस्य को पार्टी नेतृत्व के प्रति अत्यधिक वफादार बनाता है और उसकी आवाज़ दबाता है।
प्रश्न: क्या राज्यसभा के सभापति के दलबदल संबंधी निर्णय को चुनौती दी जा सकती है?उत्तर: हाँ, सर्वोच्च न्यायालय में।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून का मुख्य उद्देश्य क्या सुनिश्चित करना है?उत्तर: सदन के अंदर दलगत अनुशासन और स्थिरता।
प्रश्न: किस संवैधानिक अनुच्छेद ने दलबदल विरोधी कानून को कानूनी आधार प्रदान किया?उत्तर: 52वाँ संशोधन, 1985 (अनुसूची 10 जोड़कर)।
प्रश्न: क्या दलबदल विरोधी कानून के तहत किसी मंत्री को अयोग्य घोषित किया जा सकता है?उत्तर: हाँ, यदि वह अपनी सदस्यता खो देता है।
प्रश्न: 91वें संशोधन द्वारा केंद्र में मंत्रियों की संख्या अधिकतम कितनी हो सकती है?उत्तर: लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15%।
प्रश्न: किस संशोधन ने दलबदल के बाद अयोग्य सदस्य को मंत्री पद पर नियुक्त होने से रोका?उत्तर: 91वाँ संशोधन, 2003।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची के तहत पीठासीन अधिकारी को कितने मामलों में अयोग्यता का निर्णय लेने की शक्ति है?उत्तर: चार स्थितियों में (स्वेच्छा से छोड़ना, व्हिप का उल्लंघन, निर्दलीय का पार्टी में शामिल होना, मनोनीत सदस्य का 6 माह बाद शामिल होना)।
प्रश्न: क्या दलबदल विरोधी कानून के तहत किसी सदस्य को केवल 'मतदान से दूर रहने' (Abstaining from voting) के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है?उत्तर: हाँ, यदि यह पार्टी के व्हिप के विपरीत हो।
प्रश्न: दलबदल के आधार पर अयोग्यता के संबंध में अंतिम और बाध्यकारी निर्णय कौन देता है?उत्तर: सदन के पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष/सभापति)।
प्रश्न: यदि पीठासीन अधिकारी को दलबदल संबंधी शिकायत प्राप्त होती है, तो वे तुरंत निर्णय लेते हैं या किसी प्रक्रिया का पालन करते हैं?उत्तर: वे पहले सदस्य को अपना पक्ष रखने का मौका देते हैं (प्राकृतिक न्याय)।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची के किस प्रावधान में विलय को छूट देने वाला प्रावधान किस अनुच्छेद में था, जिसे बरकरार रखा गया?उत्तर: पैरा 4।
प्रश्न: किस मामले में पीठासीन अधिकारी के निर्णय में देरी पर सर्वोच्च न्यायालय ने चिंता व्यक्त की है?उत्तर: कई मामले, जैसे केहोतो होलोहन और बाद के मामले।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची लागू होने के समय 'विभाजन' (Split) के लिए कितने सदस्यों की आवश्यकता थी?उत्तर: एक-तिहाई।
प्रश्न: दलबदल कानून लागू होने से पहले दलबदल का कारण क्या होता था?उत्तर: व्यक्तिगत लाभ या राजनीतिक अस्थिरता।
प्रश्न: क्या दलबदल विरोधी कानून लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों पर अलग-अलग लागू होता है?उत्तर: नहीं, समान रूप से लागू होता है।
प्रश्न: क्या दलबदल विरोधी कानून राज्य विधान परिषदों पर लागू होता है?उत्तर: हाँ।
प्रश्न: यदि कोई सदस्य किसी दल द्वारा निष्कासित (Expelled) किया जाता है, तो क्या वह सदस्य बना रहता है?उत्तर: हाँ, वह सदस्य बना रहता है, लेकिन अयोग्य नहीं होता (6 महीने की अवधि तक)।
प्रश्न: 91वें संशोधन द्वारा किस अनुच्छेद में संशोधन कर मंत्रिपरिषद की संख्या सीमित की गई थी?उत्तर: अनुच्छेद 75 (केंद्र) और अनुच्छेद 164 (राज्य)।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून में 'विलय' (Merger) की परिभाषा क्या है?उत्तर: जब मूल राजनीतिक दल का कम से कम दो-तिहाई सदस्य किसी अन्य दल में शामिल हो जाते हैं।
प्रश्न: यदि पीठासीन अधिकारी का निर्णय $90$ दिनों के भीतर नहीं आता है, तो क्या न्यायालय हस्तक्षेप कर सकता है?उत्तर: हाँ, यदि निर्णय में अत्यधिक और अनुचित देरी हो।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून की आलोचना का मुख्य बिंदु क्या है?उत्तर: सदस्यों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Speech) को सीमित करना।
प्रश्न: पीठासीन अधिकारी के निर्णय लेने की प्रक्रिया के संबंध में कौन सा नियम लागू होता है?उत्तर: सदन के नियम।
प्रश्न: क्या दलबदल विरोधी कानून राज्यपाल या राष्ट्रपति पर लागू होता है?उत्तर: नहीं।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून कब प्रभावी हुआ?उत्तर: 1 मार्च 1985 से।
प्रश्न: मनोनीत सदस्य 6 महीने की अवधि के भीतर किसी दल में शामिल होता है, तो क्या वह अयोग्य होता है?उत्तर: नहीं।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची के किस प्रावधान में 'दलबदल' को परिभाषित किया गया है?उत्तर: पैरा 2।
प्रश्न: क्या पीठासीन अधिकारी दलबदल संबंधी निर्णय लेते समय किसी कानूनी सलाहकार की मदद ले सकते हैं?उत्तर: हाँ, सदन के सचिव/महासचिव या कानूनी विशेषज्ञों की।
प्रश्न: यदि किसी दल के दो-तिहाई से कम सदस्य विलय करते हैं, तो उनकी सदस्यता पर क्या प्रभाव पड़ता है?उत्तर: वे दलबदल के आधार पर अयोग्य घोषित हो जाते हैं।
प्रश्न: किस संशोधन ने 'स्वेच्छा से सदस्यता छोड़ना' (Voluntarily giving up membership) अभिव्यक्ति की व्याख्या स्पष्ट की?उत्तर: किहोतो होलोहन वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने।
प्रश्न: क्या सदन के उप-अध्यक्ष (Deputy Speaker) के पास दलबदल के मामलों में निर्णय लेने की शक्ति है?उत्तर: हाँ, अध्यक्ष की अनुपस्थिति में।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता संबंधी मामलों की जाँच के लिए किस समिति का गठन किया जा सकता है?उत्तर: सदन की विशेषाधिकार समिति (Privileges Committee)।
प्रश्न: क्या किसी निर्दलीय सदस्य को दलबदल विरोधी कानून के तहत 'विलय' में शामिल होने की अनुमति है?उत्तर: नहीं, विलय केवल राजनीतिक दलों पर लागू होता है।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून से पहले, दलबदल के बाद अयोग्य सदस्य का क्या होता था?उत्तर: वह सदस्य बना रहता था या तुरंत दूसरा दल ज्वाइन कर लेता था।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित व्यक्ति अगले चुनाव में भाग ले सकता है या नहीं?उत्तर: हाँ, यदि वह सीट रिक्त होने के बाद चुनाव लड़ता है।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून में 'व्हिप' (Whip) शब्द का क्या अर्थ है?उत्तर: पार्टी द्वारा सदस्यों को जारी किया गया लिखित निर्देश।
प्रश्न: किस संशोधन ने $1/3$ सदस्यों के विभाजन पर छूट को समाप्त कर दिया?उत्तर: 91वाँ संशोधन।
प्रश्न: क्या संसद को दलबदल कानून के संबंध में नियम बनाने की शक्ति है?उत्तर: हाँ, नियम बनाने की शक्ति संसद (या राज्य विधानमंडल) के पास है।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून का प्राथमिक फोकस क्या है: व्यक्ति या दल?उत्तर: दल (पार्टी अनुशासन बनाए रखना)।
प्रश्न: दलबदल के आधार पर अयोग्यता का निर्णय लेते समय पीठासीन अधिकारी का दृष्टिकोण कैसा होना चाहिए?उत्तर: निष्पक्ष और गैर-दलीय।
प्रश्न: यदि कोई सदस्य सार्वजनिक रूप से पार्टी के खिलाफ बोलता है, तो क्या उसे दलबदल के आधार पर अयोग्य ठहराया जा सकता है?उत्तर: हाँ, यदि पीठासीन अधिकारी इसे स्वेच्छा से सदस्यता छोड़ने के रूप में व्याख्यायित करते हैं।
प्रश्न: किस राज्य में दलबदल विरोधी कानून का उपयोग सबसे अधिक बार देखा गया है?उत्तर: विभिन्न राज्यों में, जैसे मणिपुर, गोवा, कर्नाटक।
प्रश्न: 91वें संशोधन ने दलबदल को किस श्रेणी के अपराध से मुक्त रखा?उत्तर: आपराधिक कार्यवाही से (यह केवल अयोग्यता का मामला है)।
प्रश्न: क्या पीठासीन अधिकारी का निर्णय अंतिम होता है और किसी न्यायालय में प्रश्नगत नहीं किया जा सकता?उत्तर: नहीं, यह न्यायिक समीक्षा के अधीन है।
प्रश्न: 10वीं अनुसूची में संशोधन कौन कर सकता है?उत्तर: संसद (विशेष बहुमत से)।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून के तहत किसी सदस्य को अयोग्य घोषित करने का निर्णय कितने समय में उचित माना जाता है?उत्तर: कोई निश्चित समय सीमा नहीं, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने $3-4$ महीने को उचित ठहराया है।
प्रश्न: क्या किसी मनोनीत सदस्य को 'चेयरमैन' के रूप में कार्य करने पर दलबदल विरोधी कानून का सामना करना पड़ सकता है?उत्तर: नहीं, यह पद दलबदल के दायरे से बाहर है।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून के तहत 'दल' की परिभाषा में कौन शामिल नहीं होता है?उत्तर: पीठासीन अधिकारी (जो अपने दल से अलग हो सकते हैं)।
प्रश्न: 52वें संशोधन से पहले दलबदल को रोकने के लिए क्या किया जाता था?उत्तर: पार्टी अनुशासन और नैतिकता पर निर्भरता।
प्रश्न: किस वाद में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि दलबदल के मामले में अध्यक्ष को 'ट्रिब्यूनल' के रूप में कार्य करना चाहिए?उत्तर: किहोतो होलोहन वाद।
प्रश्न: क्या दलबदल विरोधी कानून से राजनीतिक अस्थिरता पूरी तरह समाप्त हो गई है?उत्तर: नहीं, अब दल 'विलय' के रास्ते को अपनाते हैं।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून के तहत किसे लाभ के पद (Office of Profit) पर नियुक्त नहीं किया जा सकता?उत्तर: अयोग्य घोषित सदस्य को।
प्रश्न: 91वें संशोधन से पहले न्यूनतम कितने सदस्यों की सरकारें बन सकती थीं?उत्तर: कोई सीमा नहीं थी।
प्रश्न: किस संशोधन ने 'स्वेच्छा से सदस्यता छोड़ना' को केवल इस्तीफे तक सीमित नहीं रखा?उत्तर: किहोतो होलोहन वाद के माध्यम से व्याख्या।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून के तहत एक 'व्हिप' का उल्लंघन करने वाले सदस्य को कितने समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण देना होता है?उत्तर: आमतौर पर पार्टी के नियमों के अनुसार कुछ दिनों के भीतर।
प्रश्न: दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए गए सदस्य की सदस्यता पर किसका निर्णय अंतिम होता है?उत्तर: पीठासीन अधिकारी का (न्यायिक समीक्षा के अधीन)।